आंटी सेक्स कहानी में मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली एक आंटी को फेसबुक के जरिए पटाया और उसकी चुदाई की और फिर अपने एक दोस्त से उसकी चुदाई करवाई।
दोस्तों मेरा नाम राहुल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं
मेरी उम्र अभी 23 साल है और मेरी दोस्त की उम्र भी 23 साल की है
उसका नाम राजेंद्र है मेरी भाभी का नाम राधिका है
वह दिखने में बहुत सेक्सी औरत है।
मैं उन्हें भाभी इसलिए बुलाता हूं क्योंकि मेरी उनसे थोड़ी सेटिंग चल रही थी तो क्योंकि आंटी और ताई कहना कुछ अच्छा सा नहीं लगता।
उनकी उम्र लगभग 42 साल के आसपास रही होगी
उनके दो बच्चे हैं दोनों लड़कियां यह हिंदी सेक्स स्टोरी आज से 2 साल पहले की है
उन्होंने मेरे से एक फेसबुक आईडी बनवाई थी
क्योंकि उन्हें यह सब कुछ आता नहीं था और मैं हमेशा से इंटरनेट लाइन में एक्सपर्ट था
मैंने उनकी आईडी बना दी और खुद को भी एक फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर एक्सेप्ट भी कर लिया।
हम दोनों आपस में बहुत कम बात किया करते थे
वह मुझे हमेशा जी कह कर बुलाती थी
एक दिन मैंने उनसे कह दिया आंटी आप मुझे जी कहकर मत बुलाया करो।
आंटी बोली- क्यों क्या हुआ?
मैंने कहा- मुझे कुछ-कुछ होता है।
आंटी बोली- अच्छा जी
मैंने कहा- फिर से जी।
वह बोले तो क्या हुआ होने दे जो हो रहा है इस उम्र में होता ही रहता है।
अब मुझे भी थोड़ा बेहतर फील हुआ.
मैंने कहा- आंटी क्या हम दोस्त बन सकते हैं.
आंटी बोली हां कोई दिक्कत नहीं है.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के साथ हंसी मजाक करने लग गए और फिर हमें पता ही नहीं चला कि कब हमारा हंसी मजाक सेक्स की बातों में बदल गया।
फिर मैं धीरे-धीरे बात मैंने उन्हें वीडियो कॉल पर लेकर आया
वीडियो कॉल पर मैं उनके बूब्स को देखने लगा और मुठ मारा करता था।
मुझे एक दिन मौका मिला उनके घर पर कोई पूजा पाठ थी और मुझे उसका न्योंता था
दिन में उन्होंने मुझसे कहा कि तुम ऊपर वाले रूम में आ जाना
मैंने कहा- ठीक है
मैं ऊपर वाले रूम में चला गया
आंटी बोली- जो भी करना जल्दी कर लो कोई आ जाएगा
मैं उनके गले लग गया।
मैंने अपने लंड को निकल कर उनके हाथ में दे दिया
मैंने कहा- आपको जो करना है वह कर लो पहले।
उन्होंने तो यार पकड़ कर मुट्ठी मारना शुरू कर दिया
डर भी लग रहा तो कहीं कोई आ न जाए
मैं उनकी साड़ी को ऊपर उठकर उनकी चूत में उंगली डाल दी ।
मैंने देखा कि उनकी चूत बहुत ज्यादा गर्म थी और थोड़ा पानी भी निकल रहा था।
वह बोली अगर जल्दी अपना पानी निकाल दे चूत में डाल ले लंड
मैंने कहा- मैंने पहले कभी सेक्स नहीं किया तो बहुत जल्दी हो जाएगा।
आप टेंशन मत लो।
मैंने उनको नीचे ही लिटा लिया और उनके टांगों को चौड़ी करके साड़ी को ऊपर किया और और एक ही झटके में लंड को अंदर पेल दिया।
उनकी छोटी सी आह निकली
मैंने पूरी स्पीड से धक्के मारने शुरू कर दिए।
उनकी टांगों को अपने कंधे पर रखा हुआ था।
बस तीन-चार मिनट की मैं एकदम से उनकी चूत में ही निकल गया.
बस तीन पिचकारी और मेरा काम तमाम हो गया.
वह बोली यार घर पर मजा नहीं आता ऐसे करते हैं किसी दिन होटल मिलते हैं।
मैं किसी बहाने से घर से निकल आऊंगी।
अगले दिन आंटी की चुदाई की कहानी में हमने मिलने का प्रोग्राम बनाया।
मैं अपने दोस्त राजेंद्र को कहा कि यह काम है.
हम तीनों बाइक पर चलें गए।
मैंने उसे सब को समझा दिया था वह साला कहता है कि मुझे भी दिलानी पड़ेगी
मैंने कहा चलो देखते हैं कुछ करेंगे
हम तीनों होटल पहुंच गए
मैं और भाभी रूम में चले गए
राजेन्द्र नीचे ही बैठ गया।
रूम में जाते ही मैंने आंटी को पीछे से पकड़ा
उनको मैंने बेड पर धक्का दे दिया
आंटी मजाक में बोली बाबू अपना लंड तो बाहर निकाल
मैंने अपना लंड निकाल कर उनके हाथ में दे दिया
वह किस करने लगी
दोस्तों मैं अपने लंड के बारे में बता दूं मेरा लंड सात इंच लंबा और 3 इंच मोटा था।
वह बोली तेरे अंकल का इससे बहुत छोटा है।
आधा ही रह जाता है मेरे ख्याल से तो
मैंने उनको ब्लाउज को खोल दिया और ब्रा में निकाल दी।
अब आंटी की चूचियां मेरे सामने एकदम नंगी थी।
उनकी चूचियां बहुत बड़ी थी।
मैंने उनकी चूची को दबाना शुरू कर दिया और अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
तभी आंटी ने अपनी साड़ी ऊपर की और बोली इसे भी चूसना है।
तो मैं अपनी उंगलियों से उनकी चूत से पानी निकाल दिया बहुत तेज कर रहा था।
मैं आंटी बहुत गर्म हो गई थी।
मैंने उनसे कहा- आपका पानी बहुत गर्म है।
मैंने उनसे कहा- भाभी आंटी राजेंद्र भी आया है उसे भी बुला लूं क्या?
आंटी एकदम से गुस्सा हो कर बोली- ऐसे क्या मैं रंडी थोड़ी हूं जो दो को दूंगी।
मैंने आंटी जी का सॉरी और एकदम से उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया।
मैंनेउनसे एक बार आंटी कुछ करो ना वो बैठकर देख लेगा
बस प्लीज बुला लूं क्या राजेंद्र को
पहले तो आंटी काफी देर तक मना करती है फिर बोले चल बुला ले पर मैं उसे कुछ करने नहीं दूंगी
पास में बैठा देखता रहेगा
मेरे मन में लड्डू फूटा
मैंने सोचा आज तो तीनों साथ मिलकर..
मैंने राजेंद्र को कॉल किया भाई जल्दी आजा और इशारों में समझाया की तुझे कुछ नहीं करना बस पास में बैठे रहना
आंटी ने चुत पर साड़ी कर लिया अपनी चूची नंगी थी
मैंने दरवाजा खोला वोअंदर आकर बैठ गया
उसने अपनी जींस निकाली और एकदम नंगा होकर बेड पर बैठ गया
भाभी ने से देखा फिर मेरी तरफ देखा
- मौसी की कुंवारी बेटी की होटल में चुदाई
- भाई और उसके दोस्त से खेत में मेरी गांड मरवाई
- मौसी के घर भाभी की चुदाई
आंटी ने उसके लंड की तरफ देखा तो उसका भी लंड 7 इंच लंबा था और मेरे लंड से भी मोटा था।
वह आंटी के एकदम पास बैठा हुआ था।
अब मैं फिर से आंटी की चूत की चुदाई करने लग गया।
राजेंद्र साइड में बैठकर मुट्ठी मार रहा था और उसका लंड अब एकदम से तनकर खड़ा हो गया।
आंटी ने मुझे देखा और इशारे से कहा इसे हटा मुट्ठी मत मारे
मैंने आंटी से बोला अभी आप इसे कुछ करने नहीं दे रही तो बेचारा मुठी तो मारेगा।
आंटी ने कुछ नहीं बोला और बस मुट्ठी मारता रहा।
थोड़ी ही देर हुई कि आंटी ने खुद अपने हाथ से उसके लंड को पकड़ लिया।
जैसे ही आंटी ने राजेंद्र के लंड को पकड़ा।
राजेंद्र उन पर टूट पड़ा और उनके चूचियों को मसलने लगा गया।
मैं उनकी चूत में धक्के मारे जा रहा था ।
उधर राजेंद्र उनकी चूचियों को पी रहा था।
करीब 25 मिनट तक मैंने आंटी को चोदा।
फिर मेरा निकलने वाला था।
मैंने कहा आंटी मेरा निकलने वाला है
आंटी बोली अंदर ही निकाल दे और मैं अंदर ही निकाल दिया।
अब राजेंद्र का लंड एकदम से खड़ा था।
तो राजेंद्र ने बिना पूछे उनकी चूत में लंड पेल दिया।
आंटी ने जैसे ही आंटी ने आंखें बंद करके
बोली क्या हुआ अभी तो कह रहे थे मेरा छूट गया।
फिर से डाल दिया आंटी ने एकदम आँखे खोली तो राजेंद्र ने चूत में लंड पल रहा था।
आंटी बोली यह साले क्या कर रहा है तू
मैंने कहा था ना मैं कुछ नहीं करने दूंगी।
पर वह नहीं रुका और आंटी को चोदता रहा।
अब आंटी भी गर्म थी तो आंटी को बहुत मजा आ रहा था पर अब आंटी कुछ नहीं बोली जा रही थी करीब 20 मिनट बाद राजेन्द्र भी उनकी चूत में निकाल दिया।
उनकी चूत मेरे और राजेंद्र के माल से बिल्कुल भर चुकी थी।
आंटी बोली-मजा आ गया।
इतनी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
आंटी बोली यार सांस तो लेने दो मुझे मैं थक चुकी हूं
10 मिनट फिर मैं और राजेंद्र ने फिर एक-एक राउंड मारा
और अबकी बार आंटी बहुत थक चुकी थी और बोली में थोड़ा नहा लूं उसके बाद थोड़ा रिलैक्स मिलेगा
उतनी देर में मैंने नीचे से नाश्ता मंगवाया और नाश्ता किया
नाश्ता करने के बाद हमने दो-दो राउंड और मारे…..
आंटी बहुत मुश्किल से चल रही थी आंटी की चूत में बहुत दर्द हो रहा था उनकी चुत सूज कर बहुत बड़ी हो चुकी थी तो दोस्तों यह थी मेरी आंटी की चुदाई की कहानी मम्मी कसम यह कहानी एकदम सच है अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताएं
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