मैएँ एक दिन अपने भाई को लंड हिलाते हुए देख लिया और फिर क्या उसे देख कर मेरी चुत में खुजली होने लग गई और फिर मैंने तरकीब लगाकर अपने ही छोटे भाई के लंड की सावरी की और अब मुझे बाहर किसी लंड की जरूरत नही पढ़ती है हुआ यूँ की……..
भाई बहन की चुदाई की कहानी में मेरा नाम सफीना है और मैं दिल्ली इ रहने वाली हूँ और मेरा पूरा परिवार भी दिल्ली में ही रहता है.
अभी मेरी उम्र 26 साल की है और ये कहानी आज से 3 साल पहले की है और हुआ यूं की मैं शुरू से ही चुदाई के लिए बहुत ज्यादा मन किया करता था.
मेरे परिवार में कुल 5 जाने है जिसमे से मेरी के बड़ी बहन है और उसकी शादी हो चुकी है एक भाई मेरे से छोटा है|
मेरी ये कहानी मेरी और मेरे छोटे भाई सोहेल की है वो मेरे से सिर्फ दो साल छोटा है.
पोर्न दिखाकर मैडम ने लिए मेरे लंड के मजे
नौकर को पटाकर उससे सील खुलवाई
नौकर को पटाकर उससे सील खुलवाई
सभी बातों को छोड़ते हुए सीदा कहानी पर आते है भाई बहन की चुदाई की कहानी में मैं एक दिन भाई के रूम की सफाई कर रही थी तो मुझे इसके बिस्टर के निचे एक बुक मिली वो बुक कोई आम बुक नही थी उसमे सेक्स कहानियां लिखीं हुई थी.
पहले तो मुझे कुछ अजीब सा लगा फिर मेरा भी मन करने लग गया कहानी पड़ने का क्यूंकि मैं रोज सेक्स स्टोरी कहानी वेबसाइट कहानियाँ पढ़ा करती थी और मैंने सफाई छोड़ उस बुक को अपनी जेब में रख लिया और सोचा की शाम को सोते टाइम इस बुक को आराम से पढूंगी.
शाम हुई और मैं बुक पढ़े लग गई उसमे सबसे पहली कहानी थी सविता भाभी की जो मुझे खास नही लगी फिर भी मैंने उस कहानी को पूरा पढ़ा और उसके बाद जब दूसरी कहानी आई तो मेरे होश उड़ गए.
मैंने उसमे देखा की उसमे एक कहानी थी अपनी सगी बहन की चुदाई कैसे की.
मुझे लगा की गलती से बहन लिखा गया होगा लकिन जब मैंने कहानी को पूरा पढ़ा तो मुझे पटा चला की ये तो सच में भाई बहन की चुदाई की कहानी है उसमे एक बहन अपने ही भाई से अपनी चुत की प्यास बजाती है और उसमे भाई से सेक्स करने के कुछ फायदे भी लिखे थे जैसे भाई से सेक्स करते है तो किसी को पटा नही चलता है क्यूंकि किसी दुसरे लडके के साथ कटे है तो कोई ना कोई देख ही लेता है कही न कहीं गुमते हुए.
मैंने पूरी कहानी पढाना शुरू कर दिया उसमे लड़की अपने ही भाई से सेक्स करने के तरीके बताती है की कैसे भाई को रिजाया जाए उसे अपने अंग दिखाकर.
कहानी पूरी हुई और अब मैंने देखा की मेरी चुत से पानी निकल रहा था.
मैंने कहानी पढ़ी और अब मेरा मन भी चुदाई करने का लग गया और मैं भी सोचने लगी की मैं कैसे अपने भाई से चुद सकती हूँ और अपनी चुत की प्यास मिटा सकती .
दोस्तों मैं आपको बता दूँ की मैं पहले बहुत बार चुद चुकी हूँ क्यूंकि मैंने चुदाई स्कुल टाइम से ही शुरू कर दी थी कभी क्लास टीचर से चुदाई और कभी तयुसन टीचर से चुदाई.
मैं कहानी में पढ़ा था अपने भाई को पटाने एक लिए आपको अपने बूब्स और गांड को दिखाना होगा जिससे आप अपनी चुत मरवाना चाहते है चाहे वो कोई भी हो भाई हो बाप या कोई भी हो.
मैंने भी ऐसा ही सोचा की कल से मैं भी ऐसा ही करूंगी और अपने भाई को पटा चले बिना मैं उसे अपने बड़े बड़े बूब्स के दर्शन करवा दूंगी.
मेरी जैसे बताया की मेरी चुदाई बहुत हुई है तो मेरे बूब्स का साइज़ और गांड का साइज़ काफी बड़ा हो गया था.
मेरा तो मन का रहा था की क्यों ना अभी जाऊं और भाई के लंड को अपनी चुत में डालवा लूँ पर मैं अभी खुद से करूंगी तो भाई सोचेगा की मैं रंडी बन गई जो मैं हूँ पर उसे महसूस नही होने देना है ऐसा कुछ भी.
मैं रात को कैसे न किसे नकली लंड से अपना पानी निकाला और सो गई और सुबह मैं उठी और फिर मैंने आज एक दम सेक्सी से कपडे पहन लिए जिसमे मेरे बूब्स दिख रहे थे और टाइट जीन्स पहन लिया अजिसमे मेरी गांड दिख रही थी.
मैं जब भाई के सामने गई तो भाई ने मुझे बड़े गौर से देख मेरा प्लान काम किया और फिर कुछ देर बाद में मैं नहाने गई तो सोच क्यों ना आज भाई के रूम में नहाया जाए और मैं भाई के रूम में गुमने के लिए गई और वापिस आते टाइम जान भूजकर मैं अपनी पेंटी को भाई के बाथरूम में छोड़ कर आ गई और करीब एक घंटे बाद जाकर मैं अपनी पेंटी को लेने गई तो मैंने सोचा व्ही हुई भाई ने मेरी पेंटी में अपना मजा निकाल रखा था यानी मेरा ये प्लान भी कामयाब हुआ.
अब तीसरे दिन मैं सोचा नही था वो हो गया मम्मी और पापा को कही काम से बुआ के घर जाना पड़ गया और फिर क्या मैं और मेरा भाई अकेले थे घर में वो भी एक हफ्ते के लिए.
शाम हुई और मैंने सोचा की आज तो भाई के लंड की सवारी करनी ही हि है चाहे कुछ भी हो जाए.
शाम हुई और मैं खाना खाने के बाद मैं अपने रूम में बैठ कर मोबाइल में सेक्सी विडियो देख रही थी तभी मेरा छोटा भाई मेरे रूम में आ गया और बोला दीदी आपने मेरे रूम से कोई बुक उठाई है क्या?
मैंने कहा हाँ उठाई है तुझे शर्म नही आती क्या तुन ऐसी बुक्स पढता है मैं पापा को बोलूंगी की तुन ऐसी बुक्स पढता है रूमे में अकेले अकेले.
भाई बोला सॉरी दीदी आज आज देदो प्लीज दीदी कल से मैं ये बुक अपने दोस्तों को वापिस डेड दूंगा.
मैंने भी उसे बुक दे दी क्यूंकि मैं भाई के लंड का दर्शन करना चाहती थी देखना था की मेरी चुत की प्यास बुझा सकता है या अभी तक लूली है.
मैंने बुक देदी और जूठ मुठ में अपने गेट को बंद करने का नाटक कर लिया.
कुछ ही देर में मैं भाई के रूम की तरफ गई तो मैंने देखा की भाई के रूम का गेट खुला था और वू बेड पर लेता हूँ था बिलकुल नंगा और अपने लंड को सहला रहा था मैंने उसके लंड को देखा तो मेरे मुहं में पानी आ गया.
उसका लंड काफी बड़ा था और मैंने सोच लिया ये तो सारी उम्र के लिए मेरे चुत की प्यास बुझा सकता है.मैं एक दम से भाई के रूम में चली गई और भाई ने जब मुझे देख तो एक दम चद्दर ऊपर कर ली.
मैंने उससे कहा की कोई न करले अब काम को बिच में मत छोड़.
भाई बोला सॉरी दीदी मुझे लगा आप ओस गए.
मैंने कहा की यार नींद नही आ रही थी मुझे तो सोचा क्यों ना तेरे रूम में सो जाऊं.
मैंने उसे कहा की यार तुझे कोई दिक्कत न हो तो यार मैं भी कपडे खोल कर सो सकती हूँ मुझे कपड़ो में नींद नही आती.
भाई कुछ नही बोला और कम्बाल में छुपा रहा क्यूंकि वो भी बिना कपडे के था .
मैंने भी अपने सारे कपडे खोल दिए पेंटी और ब्रा भी निकल दिए और अब मैं एक दम नंगी ही उसके पास चेहरा उसके उलटे साइड करके लेट गई. और मैंने सोते टाइम AC को तेज कर दिया ताकि सोने में मजा आ जाए.
भाई भी बिना कपड़ो के था मुझे पटा था की मेरा ये प्लान मेरी चुत की प्यास जरुर बुजयेगा.
करीब एक घंटे बाद मुझे सर्दी लगने लगी तो मैं भाई की चद्दर में ही गुस गई क्यूंकि भाई के रूम में सिंगल नेड था और ऊपर चादर भी एक ही थी.
मैं भाई से चिपककर सो गई यानी मेरी गांड भाई के लंड के एक सैट गई और ऊपर से मैं भाई एक दम नंगे थे उसका गर्म गर्म लंड महसूस हो रहा था मुझे.
कुछ ही देर में भाई का लंड खड़ा होने लग गया मैं समझ गई की अब काम शुरू होने में बस कुछ ही देर है.
मैं भाई उठ गया और उसने अपने लंड से झटके देंना शुरू कर दिया और मुझे अहसास हो गया की भाई मेरी गांड में अपने लंड को पेलने की कोशिश कर रहा है.
अब भाई ने अपने एक हाथ को मेरे ऊपर से लाते हुए मेरे बूब्स पर रख दिया और मेरे बूब्स को सहलाने लग गया.
अब मुझे मस्ती सूजी और एक दम से भाई की तरफ गुम गई और मेरे होंठ भाई के होंठ से टच हो गए उधर भाई का लंड भी मेरी चुत में एक दम से सैट गया और भाई ने देर ना करते हुए एक जोर से झटका मारा तो भाई का लंड मेरी चुत में चला गया.
जैसे ही उसका लंड मेरी चुत में गया तो मेरी चीख निकल गई और मैंने कहा की कमीने काया कर रहा है अपनी ही बहन की चुत में पेल दिया.
मैं कुछ बोला पति भाई ने होंठ पर होंठ रख दिए और किस करने लग गया और उधर मेरी चुत में लंड पेलने लग गया.
अब भाई को मैंने दूर किया और नाटक करते हुए बोला की क्या कर रहा है भाई किसी को पटा चला गया तो बदनामी होगी बहुत यार मात कर ऐसा.
भाई ने मेरी एक नही सुनी और चुदाई करता रहा और अब मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी साथ देने ला गई.
पहली बार करीब 10 मिनट तक चुदाई चली और भाई मुझे जफी डाल कर सो गया मैंने उसे कहा की नही मन चोद ही दिया अपनी बहन को खुश है अब तो,
तो दोस्तों उस दिन मैंने पर भाई ने तीन बार सेक्स किया और हम दोनों ऐसे ही सो गए.
सुबह मैं उठी और भाई के लिए चाय लेकर आई मैंने अभी तक कपडे नही पहने और फिर भाई नेमुझे अपनी तरफ खिंच लिया और मुझे बेड पर लिटा लिया और मेरे बोबस को चूसने लग गया और इधर उसका बड़ा सारा लंड देख कर उसको चूसने का करने लग गया.तो दोस्तों ये थी और मेरी भाई की चुदाई की कहानी.
अगली कहानी में बताऊंगा की मैंने दुसरे दिन क्या क्या किया.
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